बिहार के औरंगाबाद में 14 साल की नाबालिग लड़की को दूसरी जाति का लड़का पसंद आ गया. वो उससे शादी करना चाहती थी. घर वालों ने इसका विरोध किया तो लड़की ने खुद से ही शादी का मन बना लिया. परिवार को गुस्से में कह दिया- मैं दुल्हन बनूंगी तो बस उसी की. हम शादी करने वाले हैं. बस ये बात लड़की के परिवार वालों ये बात रास न आई. दादा-दादी और दो चाचा ने मिलकर लड़की की हत्या कर डाली. शुक्रवार को नबीनगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पुथर्वा गांव के एक तालाब में लड़की का शव मिला था.
इसके बाद पुलिस अधीक्षक स्वपन गौतम मेश्राम ने सब-डिवीजनल पुलिस ऑफिसर संजय कुमार पांडे के नेतृत्व में एसआईटी का गठन कर मामले की जांच के आदेश दिए. लड़की की दादी भगमनिया देवी ने शिवसागर के रहने वाले विवेक चौहान, उसके भाई अशोक चौहान तथा पुथर्वा की रहने वाली उनकी चाची उर्मिला देवी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 103 (1), 238 और 3(5) के तहत केस दर्ज करवाया था. इसके अलावा पॉक्सो तथा एससी/एसटी ऐक्ट के तहत भी इस मामले में केस दर्ज करवाया गया था. इस मामले के मुख्य आरोपी विवेक चौहान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. लेकिन वैज्ञानिक साक्ष्य और लड़की के परिजनों के व्यवहार पर SIT को शक हुआ तो उन्होंने इस मामले की गहराई से छानबीन शुरू कर दी. वैज्ञानिक तरीके से जांच और गवाहों के बयान से हेट किलिंग की कहानी का खुलासा हुआ
दूसरी जाति के लड़के से इश्क
मृतक लड़की अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखती थी. उसका विवेक चौहान के साथ अफेयर था. जांच टीम को यह भी जानकारी मिली- दोनों भाग कर शादी करने की योजना बना रहे थे. लेकिन इसकी जानकारी लड़की के घरवालों को मिल गई. लड़की अपने प्रेमी को छोड़ने पर राजी नहीं थी और शादी की बात पर भी अड़ी हुई थी. इसके बाद लड़की के दादा और उसके दो चाचाओं ने मिलकर लड़की की हत्या का प्लान बनाया. गुरुवार की रात जब लड़की सो रही थी तब उन्होंने लड़की की गला दबा कर हत्या कर डाली. शव को गांव के ही तालाब में फेंक दिया. एसडीपीओ ने बताया कि मृतक लड़की के दादा घूरा पासवान और दादी भटगमिता देवी था उसके चाचा राहुल कुमार और रवि कुमार को गिरफ्तार किया गया है. इन सभी ने परिवार को बचाने के लिए लड़की की हत्या का जुर्म कबूल कर लिया है. सभी को जेल भेज दिया गया है..